The smart Trick of sidh kunjika That No One is Discussing
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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥
कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से click here दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।